Husn Aur Ishq Ke Takrane Ki

हुस्न और इश्क़ के टकराने की रात आई है
आज बाँहों में सिमट जाने की रात आई है
हुस्न और इश्क़ के...

आज तरसे हुए हाथों की सुनी जाएगी
हर कली प्यार की गिन-गिन के चुनी जाएगी

प्यार की आग में जल जाने की रात आई है
आज बाँहों में सिमट जाने की रात आई है
हुस्न और इश्क़ के...

आज इन आँखों की गहराई में खो जाने दो
दिल जो बेताब हुआ जाता है, हो जाने दो

बिन पिए आज बहक जाने की रात आई है
आज बाँहों में सिमट जाने की रात आई है
हुस्न और इश्क़ के...

आज हम वक़्त की रफ़्तार खड़ी कर देंगे
ज़िंदगानी से भी ये रात बड़ी कर देंगे

आज हर चीज़ पे छा जाने की रात आई है
आज बाँहों में सिमट जाने की रात आई है
हुस्न और इश्क़ के...



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Ravi Shankar
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