Khafa Na Hona Agar Main Poochhoo

ख़फ़ा न होना अगर मैं पूछूँ
कहाँ से पाया ये हुस्न, ओ, शबाब तुमने?

ख़फ़ा न होना अगर मैं पूछूँ
कहाँ से पाया ये हुस्न-ओ-शबाब तुमने?
कहो देखें हैं कभी भूले से
अपने गालों पे खिलते गुलाब तुमने
ख़फ़ा न होना अगर मैं पूछूँ

सुना जो अपना ज़िक्र ज़रा
आँखें हैं शर्माई हुईं
सुना जो अपना ज़िक्र ज़रा
आँखें हैं शर्माई हुईं

जिस्म सिमटता चला गया
रूह भी है घबराई हुई
सादगी में भी शोख़ी का अंदाज़ है

ख़फ़ा न होना अगर मैं पूछूँ
कहाँ से पाया ये हुस्न-ओ-शबाब तुमने?
ख़फ़ा न होना अगर मैं पूछूँ

चाँद को हमने चाँद कहा
और कुछ अपनी भूल नहीं
चाँद को हमने चाँद कहा
और कुछ अपनी भूल नहीं

कैसे खुलती अपनी ज़ुबाँ
होते न तुम अगर हसीं
सारी महफिल से पूछो के क्या हाल है

ख़फ़ा न होना अगर मैं पूछूँ
कहाँ से पाया ये हुस्न-ओ-शबाब तुमने?
कहो देखें हैं कभी भूले से
अपने गालों पे खिलते गुलाब तुमने
ख़फ़ा न होना अगर मैं पूछूँ



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Ravi Shankar
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