Titliyaan

दिल था, खिलौना
चलो टूट गया, क्या कहें
कोई साथी था, जिसे चाहा था
वो ही लूट गया, क्या कहे
तितलियाँ, यादों की, उड़ती जाए
रंगों में, मुझसे कुछ, कहती जाए

एक झील थी, कई फूल थे
सब निकल गए, क्या कहें

चाहा था, कहना
ना कहा, चुप रहे
राहों में, तन्हा
चलते ही, हम रहे
तितलियाँ यादों की उड़ती जाए
रंगों में मुझसे कुछ कहती जाए

गिरती किरणे, तेरा आँचल
कैसे भूलें, क्या कहें
गाती कोयल, महका आँगन
कैसे भूलें, क्या कहें
तितलियाँ यादों की उड़ती जाए
रंगों में मुझसे कुछ कहती जाए
तेरी चाहतें, मेरी रोशनी
अब बुझ गई, क्या कहें
दिल था, खिलौना
चलो टूट गया, क्या कहें
क्या कहें



Credits
Writer(s): Anwar Maqsood, Bilal Maqsood
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