Aye Sanam Meri Baahon Mein (From "Kya Kehna!")

ऐ सनम, मेरी बाँहों में आ
दिल से क्यों रहे धड़कन जुदा?
जीना भी क्या तेरे बिना

ऐ सनम, मेरी बाँहों में आ
दिल से क्यों रहे धड़कन जुदा?
जीना भी क्या तेरे बिना
ऐ सनम, मेरी बाँहों में आ

दिल करता रहा अरमानों का शौक
फिर भी जान-ए-जानाँ थामे रहा मैं दिल को
मैं भी साजना ऐसे क्या कहूँ?
धड़कन की ज़ुबाँ से आओ सुनाऊँ तुमको

आशिक़ी के तू नग़्मे सुना
दिल से क्यों रहे धड़कन जुदा?
जीना भी क्या तेरे बिना
ऐ सनम, मेरी बाँहों में आ

जो मिलने ना दे हमको प्यार में
आओ, आज ऐसी रस्मों को तोड़ डाले
दिल में ना रहे कोई आरज़ू
मिलके आज सारे अरमान हम निकाले

प्यार बनके आ मुझमें समा
दिल से क्यों रहे धड़कन जुदा?
जीना भी क्या तेरे बिना

ऐ सनम, मेरी बाँहों में आ
दिल से क्यों रहे धड़कन जुदा?
जीना भी क्या तेरे बिना



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rajesh Roshan
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