Haal Kaho

मा-पा-गा-पा-मा-धा-पा-धा-नी-धा-पा-नी
हाल कहो और हाल सुनो
(गा-मा-पा-मा-गा-पा)
दिल की कहो, कुछ दिल की सुनो
(मा-पा-गा-पा-मा-धा-पा-धा-नी-धा-पा-नी)

हाल कहो और हाल सुनो
दिल की कहो, कुछ दिल की सुनो
ऐसे भी हमसे मिलो
छोड़ो ये पल दो पल का...
छोड़ो ये पल दो पल का आना-जाना

हाल कहो और हाल सुनो
दिल की कहो, कुछ दिल की सुनो
छोड़ो ये पल दो पल का आना-जाना

कैसा है ये सिलसिला तेरा-मेरा
होता नहीं जो शुरू
कैसा है ये सिलसिला तेरा-मेरा
होता नहीं जो शुरू

होगा कभी जो मिलें कहीं कभी
तेरी-मेरी आरज़ू
पर मिलें तो मिलें कैसे बता?
मुझे तेरा ना तुझे मेरा पता, बता
कोई यहाँ पे क्यूँ हो...
कोई यहाँ पे क्यूँ हो बेगाना

(मा-पा-गा-पा-मा-धा-पा-धा-नी-धा-पा-नी)

कभी कोई शाम नाम मेरे भी
अपनी तुम कर दो ना
कभी कोई शाम नाम मेरे भी
अपनी तुम कर दो ना

कहने को जो बात बेक़रार हूँ
तुम वही कह दो ना
ऐसा ना हो गुज़र जाए समा
मिले तुझे ना मुझे कोई जहाँ यहाँ
छोड़ो भी तुम नज़रों का...
छोड़ो भी तुम नज़रों का यूँ चूराना

हाल कहो और हाल सुनो
दिल की कहो, कुछ दिल की सुनो
ऐसे भी हमसे मिलो
छोड़ो ये पल दो पल का...
छोड़ो ये पल दो पल का आना-जाना



Credits
Writer(s): Saptarshi 'abhijeet', Subrat
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