Mujhe Phir Wahi

मुद्दतों ग़म पे ग़म उठाए हैं
तब कहीं जाके मुस्कुराए हैं
एक निगाह-ए-ख़ुलूस की ख़ातिर
ज़िंदगी-भर फ़रेब खाए हैं

मुझे फिर वही याद आने लगे हैं
मुझे फिर वही याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
मुझे फिर वही याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
मुझे फिर वही याद आने लगे हैं

सुना है, हमें वो भुलाने लगे हैं
सुना है, हमें वो भुलाने लगे हैं

तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं?
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं?
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
मुझे फिर वही याद आने लगे हैं

ये कहना है उनसे, "मोहब्बत है मुझको"
ये कहना है उनसे, "मोहब्बत है मुझको"

ये कहने में उनसे ज़माने लगे हैं
ये कहने में उनसे ज़माने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
मुझे फिर वही याद आने लगे हैं

क़यामत यक़ीनन क़रीब आ गई है
क़यामत यक़ीनन क़रीब आ गई है

ख़ुमार, अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं
ख़ुमार, अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
मुझे फिर वही याद आने लगे हैं
मुझे फिर वही याद आने लगे हैं



Credits
Writer(s): Hariharan, Khumar Barabankvi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link