Chali Chali Re Patang

चली-चली रे पतंग मेरी चली रे
चली बादलों के पार, हो के डोर पे सवार
सारी दुनिया ये देख-देख जली रे
चली-चली रे पतंग मेरी चली रे

यूँ मस्त हवा में लहराए
जैसे उड़न खटोला उड़ा जाए
यूँ मस्त हवा में लहराए
जैसे उड़न खटोला उड़ा जाए
ले के मन में लगन, जैसे कोई दुल्हन
चली जाए रे सांवरिया की गली रे
चली-चली रे पतंग मेरी चली रे
चली बादलों के पार, हो के डोर पे सवार
सारी दुनिया ये देख-देख जली रे
चली-चली रे पतंग मेरी चली रे

रंग मेरी पतंग का धानी
है ये नील गगन की रानी
रंग मेरी पतंग का धानी
है ये नील गगन की रानी
बांकी-बांकी है उठान, है उमर भी जवान
लागे पतली कमर बड़ी भली रे
चली-चली रे पतंग मेरी चली रे
चली बादलों के पार, हो के डोर पे सवार
सारी दुनिया ये देख-देख जली रे
चली-चली रे पतंग मेरी चली रे

छूना मत देख अकेली
है साथ में डोर सहेली
छूना मत देख अकेली
है साथ में डोर सहेली
है ये बिजली की तार, बड़ी तेज़ है कटार
देगी काट के रख, दिलजली रे
चली-चली रे पतंग चली रे
चली बादलों के पार, हो के डोर पे सवार
सारी दुनिया ये देख-देख जली रे
चली-चली रे पतंग मेरी चली रे



Credits
Writer(s): Chitragupta, Krishan Rajinder
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