Are Bhai Nikal Ke Aa Ghar Se

अरे भाई, निकल के आ घर से
अरे भाई, निकल के आ घर से

अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
दुनिया की रौनक देख फिर से, देख ले फिर से
दुनिया की रौनक देख फिर से, देख ले फिर से

होए, अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से

કેમ ઊંઘે છે ભાઈ ઘનશ્યામજી, ઓ?
કેમ ઊંઘે છે ભાઈ ઘનશ્યામજી?

ओ, दुनिया बदल गई प्यारे
आगे निकल गई प्यारे
अरे, दुनिया बदल गई प्यारे
आगे निकल गई प्यारे

अँधे कुएँ में छुप के क्यूँ बैठा हुआ है मन मारे?

अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
दुनिया की रौनक देख फिर से, देख फिर से
अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से

तुला भीती ही कसली वाटते रे?
तुला भीती ही कसली वाटते?

ओ, पानी को, तेल को छोड़ा
बिजली की रेल छोड़ा
अरे, पानी को, तेल को छोड़ा
बिजली की रेल छोड़ा

कल चाँद और तारों में पहुँचेगा ऐटमी घोड़ा
अरे भाई, अरे भाई

अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
दुनिया की रौनक देख फिर से, देख ले फिर से
अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से

কেন ভাবেন অকারণে বংশী বাবু রে?
কেন ভাবেন অকারণে বংশী বাবু?

ओ, कल जो था कल रहा होगा
आगे की सोच क्या होगा
अरे, कल जो था कल रहा होगा
आगे की सोच क्या होगा

टूटी-पुरानी ढपली पे तू कल कमर सिया मत गा

अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
दुनिया की रौनक देख फिर से, देख फिर से
दुनिया की रौनक देख फिर से, देख फिर से

अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से
अरे भाई, निकल के आ घर से, आ घर से



Credits
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar
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