Murli Bairan Bhai

मुरली, मुरली बैरन भई
हौ, कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
मुरली बैरन भई
हौ, कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई

बाँवरी, बाँवरी मैं बन गई, रे
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई

बिंदराबन की कुंज गली में राखा गई दिल हार
बिंदराबन की कुंज गली में राखा गई दिल हार
अब अँखियन की मस्त गली में...
अब अँखियन की मस्त गली में छलिया फिरे बार-बार

सौतन मेरे मन को हर गई रे
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
मुरली बैरन भई
हौ, कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई

प्यार जता के तन-मन लूटा, पीछे पड़ा गई मान
प्यार जता के तन-मन लूटा, पीछे पड़ा गई मान
जमुना तट पर ले गया नटखट...
जमुना तट पर ले गया नटखट मधुर सुनाई तान

जिगर के पार उतर गई रे
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
मुरली बैरन भई
हौ, कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई

बाँवरी, बाँवरी मैं बन गई, रे
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई
कन्हैया तोरी मुरली बैरन भई



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat
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