Ae Sanam Aaj Ye Qasam Khayen

ऐ सनम, आज ये क़सम खाएँ
ऐ सनम, आज ये क़सम खाएँ
मुड़ के अब देखने का नाम ना लें
प्यार की वादियों में खो जाएँ

ऐ सनम, आज ये क़सम खाएँ
फ़ासले प्यार के मिटा डालें
और दुनिया से दूर हो जाएँ
ऐ सनम, आज ये क़सम खाएँ

जिस तरफ़ जाएँ बहारों के सलाम आएँगे
जिस तरफ़ जाएँ बहारों के सलाम आएँगे
आसमानों से भी रंगीन पयाम आएँगे
तेरा जलवा है जहाँ, मेरी जन्नत है वहाँ
तेरे होंठों की हँसी, १०० बहारों का समाँ

ऐ सनम, आज ये क़सम खाएँ
फ़ासले प्यार के मिटा डालें
और दुनिया से दूर हो जाएँ
ऐ सनम, आज ये क़सम खाएँ

अपना ईमान फ़क़त अपनी मोहब्बत होगी
हर घड़ी इश्क़ की एक ताज़ा क़यामत होगी
देखकर रंग-ए-वफ़ा, मुस्कुराएगा खुदा
और सोचेगा ज़रा, इश्क़ क्यूँ पैदा किया
इश्क़ क्यूँ पैदा किया, इश्क़ क्यूँ पैदा किया



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Madan Mohan
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