Badra

बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है
बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है

लाई मस्त रवानी, आई छुप के जवानी
बचपन जाने लगा है, देखो ज़रा

बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है
बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है

ओ, काली घटा बाहों में आ रही है
ये पागल हवा है ख़ुशबू क्या ला रही है
हर पुरवाइयाँ, मौसम भी शबनमी है
है कितनी प्यासी नदी, सहरा में भी नमी है

तन क्यूँ दहका मेरा?

बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है
बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है

ये, ये क्या हुआ?
क्या ये क्या हो गई मैं!
क्या सपने जगे हैं, रंगों में खो गई मैं
मैं जानूँ ना, मैं जाने क्या सोचती हूँ!

क्या अरमाँ मेरे हैं? जाने क्या चाहती हूँ!
साँसें महकी-महकी

बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है

लाई मस्त रवानी, छाई छुप के जवानी
बचपन जाने लगा है, देखो ज़रा

बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है
बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है

बदरा छाने लगा है
भँवरा गाने लगा है
-छाने लगा है
-गाने लगा है



Credits
Writer(s): Raju Singh, Sameer
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