Main Sharabi Nahin

उठ गई महफ़िल, बुझ गई शम्मा
ढल गई रात, गुलाबी जाँ
उठ गई महफ़िल, बुझ गई शम्मा
ढल गई रात, गुलाबी जाँ

एक घूँट भी और ना तुझको पीने दूँगी, शराबी जाँ
शराबी जाँ, शराबी जाँ, शराबी जाँ

Hmm, मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं
मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं

आँखों से पीने में कुछ ख़राबी नहीं
मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं
मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं

मुझपे करले यक़ीं, मैं नशे में नहीं
(आ!) मुझपे करले यक़ीं, मैं नशे में नहीं
किसलिए फिर सनम, डगमगाए क़दम?
ये है मस्ती तेरी शरबती आँख की
ये नज़र है जनाब, ये नहीं है शराब

रंग क्या इस नज़र का गुलाबी नहीं?

मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं
मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं

अब पिए तो, सनम, तुझको मेरी क़सम, हा
अब पिए तो, सनम, तुझको मेरी क़सम
इस तरह रूठ कर फेर ली क्यूँ नज़र?
आँख बोझल हुई, ख़ाली bottle हुई
जी नहीं पर भरा, और ला, और ला

एक कतरा नहीं, बस ज़रा भी नहीं

तू शराबी नहीं, तू शराबी नहीं
तू शराबी नहीं, तू शराबी नहीं

आँखों से पीने में कुछ ख़राबी नहीं
मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं
मैं शराबी नहीं, मैं शराबी नहीं



Credits
Writer(s): Laxmikant-pyarelal, Anand Bakshi
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