Barse Re Sawan - From "Dariya Dil"

बरसे रे सावन, काँपे मेरा मन
भीग ना जाए बदन मेरा
अपनी छतरी में मुझको छुपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे

जादू चला मत, नज़दीक आ मत
तू रूप की कोई रानी रे
रास्ता ना मेरा तू भुला दे रे
होश मेरे कहीं ना उड़ा दे रे

बरसे रे सावन, काँपे मेरा मन
भीग ना जाए बदन मेरा
अपनी छतरी में मुझको छुपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे

ना तो यहाँ किसी पेड़ की छाया
ना पास कोई मकाँ है
मौक़े पे लड़की का जो साथ दे-दे
तू ही एक ऐसा जवाँ है
(ऐसा जवाँ है रे, बाका जवाँ है रे)

ना तो यहाँ किसी पेड़ की छाया
ना पास कोई मकाँ है
मौक़े पे लड़की का जो साथ दे-दे
तू ही एक ऐसा जवाँ है
(ऐसा जवाँ है रे, बाका जवाँ है रे)

मिलके तू ही मेरा दिल लुटेगी
क्यूँ तू नज़र दिल पे डाले रे?

बरसे रे सावन, काँपे मेरा मन
भीग ना जाए बदन मेरा
अपनी छतरी में मुझको छुपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे

आँखों ने मेरी की तुझसे बिनती
प्यार से दिल ने पुकारा
एहसान मानूँगी सारी उमर तेरा
दे-दे तू थोड़ा सहारा
(दे-दे सहारा तू, थोड़ा सहारा तू)

आँखों ने मेरी की तुझसे बिनती
प्यार से दिल ने पुकारा
एहसान मानूँगी सारी उमर तेरा
दे-दे तू थोड़ा सहारा
(दे-दे सहारा तू, थोड़ा सहारा तू)

चल फिर साथ चलें दोनों
एक शहर के रहने वाले रे

हाँ, बरसे रे सावन, काँपे मेरा मन
भीग ना जाए बदन मेरा
अपनी छतरी में मुझको छुपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे

जादू चला मत, नज़दीक आ मत
तू रूप की कोई रानी रे
रास्ता ना मेरा तू भुला दे रे
होश मेरे कहीं ना उड़ा दे रे



Credits
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Nagrath Rajesh Roshan
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