Tan Bheeg Gaya - From "Insaniyat Ke Devta"

तन भीग गया, मन भीग गया
तन भीग गया, मन भीग गया
पिया, सावन रिमझिम बरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे

तन भीग गया, मन भीग गया
तन भीग गया, मन भीग गया
गोरी, सावन रिमझिम बरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे

तेरे बदन से बूँदें चुराऊँ
प्यास मैं अपने दिल की बुझाऊँ
तेरे बदन से बूँदें चुराऊँ
प्यास मैं अपने दिल की बुझाऊँ

शबनम के क़तरे हैं, सजना
राह चलते अंगारे हैं
आग लगाती है नस-नस में
ये कैसी बौछारे हैं?

तन भीग गया, मन भीग गया
तन भीग गया, मन भीग गया
गोरी, सावन रिमझिम बरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे

मौसम दीवाना होने लगा है
चैन मेरा भी खोने लगा है
मौसम दीवाना होने लगा है
चैन मेरा भी खोने लगा है

पानी में जलते शोले के
जैसी तेरी जवानी है
तुझको पा लेने की, सजनी
धड़कन मेरी दीवानी है

तन भीग गया, मन भीग गया
तन भीग गया, मन भीग गया
पिया, सावन रिमझिम बरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे
हो, जिया तेरे मिलन को तरसे

आजा, गले से तुझको लगा लूँ
ख़ुशबू तेरी साँसों में बसा लूँ
आजा, गले से तुझको लगा लूँ
ख़ुशबू तेरी साँसों में बसा लूँ

प्यासी हैं मदहोश निगाहें
मस्ती दिलों पे छाई है
तेरे-मेरे मधुर मिलन की
सजना, घड़ी ये आई है

तन भीग गया, मन भीग गया
तन भीग गया, मन भीग गया
गोरी, सावन रिमझिम बरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे
जिया तेरे मिलन को तरसे



Credits
Writer(s): Anand, Milind
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