Woh Dekho Jala Ghar Kisi Ka

वो देखो, जला घर किसी का

वो देखो, जला घर किसी का
ये टूटे हैं किसके सितारे?
वो क़िस्मत हँसी, और ऐसे हँसी
कि रोने लगे ग़म के मारे

वो देखो, जला घर किसी का
ये टूटे हैं किसके सितारे?
वो क़िस्मत हँसी, और ऐसे हँसी
कि रोने लगे ग़म के मारे
वो देखो, जला घर किसी का

गया जैसे झोंका हवा का
हमारी खुशी का ज़माना
दिए हमको क़िस्मत ने आँसू
जब आया हमें मुस्कुराना

बिना हमसफ़र है सूनी डगर
किधर जाएँ हम बेसहारे?
वो देखो, जला घर किसी का

हैं राहें कठिन, दूर मंज़िल
ये छाया है कैसा अँधेरा?
कि अब चाँद-सूरज भी मिलकर
नहीं कर सकेंगे सवेरा

घटा छाएगी, बहार आएगी
ना आएँगे वो दिन हमारे
वो देखो, जला घर किसी का

इधर रो रही हैं ये आँखें
उधर आसमाँ रो रहा है
मुझे करके बर्बाद, ज़ालिम
पशेमान अब हो रहा है

ये बरखा कभी तो रुक जाएगी
रुकेंगे ना आँसू हमारे
वो देखो, जला घर किसी का
ये टूटे हैं किसके सितारे?
वो क़िस्मत हँसी, और ऐसे हँसी
कि रोने लगे ग़म के मारे
वो देखो, जला घर किसी का



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan
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