Hai Isi Men Pyar Ki Abroo

है इसी में प्यार की आबरू
वो जफ़ा करे, मैं वफ़ा करूँ
जो वफ़ा भी काम ना आ सके
तो वो ही कहे कि मैं क्या करूँ?
है इसी में प्यार की आबरू

मुझे ग़म भी उनका अज़ीज़ है
कि उन्हीं की दी हुई चीज़ है
मुझे ग़म भी उनका अज़ीज़ है
कि उन्हीं की दी हुई चीज़ है
कि उन्हीं की दी हुई चीज़ है

ये ही ग़म है अब मेरी ज़िंदगी
इसे कैसे दिल से जुदा करूँ?
है इसी में प्यार की आबरू

जो ना बन सके मैं वो बात हूँ
जो ना ख़त्म हो मैं वो रात हूँ
जो ना बन सके मैं वो बात हूँ
जो ना ख़त्म हो मैं वो रात हूँ
जो ना ख़त्म हो मैं वो रात हूँ

ये लिखा है मेरे नसीब में
यूँ ही शम्मा बनके जला करूँ
है इसी में प्यार की आबरू

ना किसी के दिल की हूँ आरज़ू
ना किसी नज़र की हूँ जुस्तजू
ना किसी के दिल की हूँ आरज़ू
ना किसी नज़र की हूँ जुस्तजू
ना किसी नज़र की हूँ जुस्तजू

मैं वो फूल हूँ जो उदास हूँ
ना बहार आए तो क्या करूँ?
है इसी में प्यार की आबरू

वो जफ़ा करे, मैं वफ़ा करूँ
जो वफ़ा भी काम ना आ सके
तो वो ही कहे कि मैं क्या करूँ?
है इसी में प्यार की आबरू



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link