Yeh Aaj Kya Ho Gaya

सूरज मेरी खिड़की से जो है झाँकता
किरणों को जैसे मिल गया है रास्ता
हँसती हुई आ गईं वो, ओ-ओ

कमरे में जितनी नींद थी, सब उड़ गई
उम्मीद जाते-जाते वापस मुड़ गई
लौट आई है फिर यहीं वो, ओ-ओ

जाने ये सब क्या है, जो भी है, नया सा है
हैरत में दिल खो गया, ये आज क्या हो गया?

दुनिया ही बदलने को है, ज़िंदगी सँवरने को है
जाने क्यूँ ये मुझको है लगा
लचकी है जो दिल की डाली, कलियाँ अब हैं खिलने वाली
हौले-हौले पास आ के धीमे से गाएँ हवाएँ

जाने ये सब क्या है, जो भी है, नया सा है
हैरत में दिल खो गया, ये आज क्या हो गया?

सच बारी-बारी हो रहे सब ख़्वाब हैं
पंछी उड़ानें भरने को बेताब हैं
आँखों में है आसमाँ, ओ-ओ-ओ

रेशम के जैसी नरमी है हर बात में
उजले हैं दिन और चाँदनी है रात में
हर लम्हा है मेहरबाँ, ओ-ओ-ओ

जाने ये सब क्या है, जो भी है, नया सा है
हैरत में दिल खो गया, ये आज क्या हो गया?



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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