Maine Socha Ke Chura Loon

मैने सोचा के चुरा लूँ
तेरे होंठों की ये नमी
और ऐसे के रह जाए
इस चोरी में ना कमी

तेरे सीने में मेरा दिल धड़के
और रात गुज़र जाए
मेरी आवारा सी नज़रों को
शायद घर मिल जाए

मैने सोचा के चुरा लूँ
तेरे होंठों की ये नमी

रेशमी ज़ुल्फ़ों के झरने खोल दो
पंखुडी से लबों की कुछ बोल दो

गर्दन की इस सुराही से
कुछ जाम छलक जाए
मेरी आवारा सी नज़रों को
शायद घर मिल जाए

मैने सोचा के चुरा लूँ
तेरे होंठों की ये नमी

कुछ कहो ना अभी होने दो गुनाह
जिस्म को तुम मेरे खुद में दो पनाह

कोई चोर हवा दो जिस्मों से
हो कर ना गुज़र जाए

मेरी आवारा सी नज़रों को
शायद घर मिल जाए

मैने सोचा के चुरा लूँ
तेरे होंठों की ये नमी
और ऐसे के रह जाए
इस चोरी में ना कमी



Credits
Writer(s): Rashmi Virag
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