Woh Chand Muskaya

वो चाँद मुस्काया, सितारे शरमाए
हमारा भी दिल ना मचलने लगे
जो हाथ में हमारे ये हाथ है तुम्हारा
दीये से निगाहों में जलने लगे

वो चाँद मुस्काया...

ठंडी-ठंडी चंदा की किरण
जलती-जलती साँसों की हवा
क्या नाम है इस मौसम का, सनम?
प्यासे हैं, मगर, फिर भी है नशा

आने लगी अंगड़ाई
कि जैसे कोई रुत बदलने लगे

वो चाँद मुस्काया, सितारे शरमाए
हमारा भी दिल ना मचलने लगे
वो चाँद मुस्काया...

खोया है कुछ ऐसा आज समाँ
बहके-बहके उठते हैं क़दम
यूँ प्यार भरी इन राहों में
चलते ही रहेंगे झूम के हम

हम जो चले मिलके गले
खिली चाँदनी, रंग उछलने लगे

वो चाँद मुस्काया, सितारे शरमाए
हमारा भी दिल ना मचलने लगे
जो हाथ में हमारे ये हाथ है तुम्हारा
दीये से निगाहों में जलने लगे

वो चाँद मुस्काया...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan
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