Tujhe Kya Sunaoon Main Dilruba

तुझे क्या सुनाऊँ मैं, दिलरुबा, तेरे सामने मेरा हाल है
तेरी इक निगाह की बात है, मेरी ज़िंदगी का सवाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं, दिलरुबा...

मेरी हर ख़ुशी तेरे दम से है, मेरी ज़िंदगी तेरे ग़म से है
मेरी हर ख़ुशी तेरे दम से है, मेरी ज़िंदगी तेरे ग़म से है

तेरे दर्द से रहें बेख़बर, मेरे दिल की कब ये मजाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं, दिलरुबा...

तेरे हुस्न पर है मेरी नज़र, मुझे सुबह-ओ-शाम की क्या ख़बर
तेरे हुस्न पर है मेरी नज़र, मुझे सुबह-ओ-शाम की क्या ख़बर

मेरी शाम है तेरी जुस्तजू, मेरी सुबह तेरा ख़याल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं, दिलरुबा...

मेरे दिल-जिगर में समा भी जा...
मेरे दिल-जिगर में समा भी जा, रहे क्यूँ नज़र का भी फ़ासला?

कि तेरे बग़ैर तो, जान-ए-जाँ, मुझे ज़िंदगी भी मुहाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं, दिलरुबा, तेरे सामने मेरा हाल है
तेरी इक निगाह की बात है, मेरी ज़िंदगी का सवाल है
तुझे क्या सुनाऊँ मैं, दिलरुबा...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan
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