Zindagi Ki Yahi Reet Hai (From "Mr. India")

ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है
ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है
थोड़े आँसू हैं, थोड़ी हँसी, आज ग़म है तो कल है ख़ुशी

ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है
थोड़े आँसू हैं, थोड़ी हँसी, आज ग़म है तो कल है ख़ुशी
ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है

ज़िंदगी रात भी है, सँवेरा भी है ज़िंदगी
ज़िंदगी रात भी है, सँवेरा भी है ज़िंदगी
ज़िंदगी है सफ़र और बसेरा भी है ज़िंदगी
ज़िंदगी है सफ़र और बसेरा भी है ज़िंदगी

एक पल दर्द का घाँव है, दूसरा सुख भरी छाँव है
हर नए पल नया गीत है
ज़िंदगी की यही रीत है
ज़िंदगी की यही रीत है
ज़िंदगी की यही रीत है

ग़म का बादल जो छाए तो हम मुस्कुराते रहें
ग़म का बादल जो छाए तो हम मुस्कुराते रहें
अपनी आँखों में आशाओं के दीप जलाते रहें
आज बिगड़े तो कल फिर बने, आज रूठे तो कल फिर मने

वक़्त भी जैसे इक मीत है
ज़िंदगी की यही रीत है
ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है
थोड़े आँसू हैं, थोड़ी हँसी, आज ग़म है तो कल है ख़ुशी

(ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है)
(ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है)



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Laxmikant Kudalkar, Sharma Pyarelal
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