Uff Kitni Thandi Hai Yeh Rut

उफ़! कितनी ठंडी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन-सन-सन जलता है बदन
काँपे है अंगड़ाई मेरी

उफ़! कितनी ठंडी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन-सन-सन जलता है बदन
काँपे है अंगड़ाई मेरी

तुमपे भी सोना है भारी
वो है कौन ऐसी चिंगारी?
ओ, तुम पे भी सोना है भारी
वो है कौन ऐसी चिंगारी?

है कोई इन आँखों में
एक तुम जैसी ख़्वाबों की परी

उफ़! कितनी ठंडी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन-सन-सन जलता है बदन
काँपे है अंगड़ाई मेरी

ये तनहा मौसम मेहताबी
ये जलती-बुझती बेख़ाबी
ओ, ये तनहा मौसम मेहताबी
ये जलती-बुझती बेख़ाबी

महलों में थर्राती है
एक बेताबी अरमाँ में भरी

उफ़! कितनी ठंडी है ये रुत

ऐसे हैं दिल पे कुछ साए
धड़कन भी जल के जम जाए
ओ, ऐसे हैं दिल पे कुछ साए
धड़कन भी जल के जम जाए

काँपो तुम और सुलगे हम
ये चाहत की है जादूगरी, ओफ़!

उफ़! कितनी ठंडी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन-सन-सन जलता है बदन
काँपे है अंगड़ाई मेरी



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S.d. Burman
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