Panthi Hoon Main Us Path Ka

पंथी हूँ मैं उस पथ का, अंत नहीं जिसका
आस मेरी है जिसकी दिशा आधार मेरे मन का
पंथी हूँ मैं उस पथ का...

जिस पथ पर देखे कितने सुख-दुख के मेले
फूल चुने कभी ख़ुशियों के...
फूल चुने कभी खुशियों के कभी काँटों से खेले
जाने कब तक चलना है मुझे इस जीवन के साथ

पंथी हूँ मैं उस पथ का...

संगी-साथी मेरे, अँधियारे, उजियारे
मुझको राह दिखाए, पलछिन के कुलधारे
पथिक मेरे पथ के सब तारे और नीला आकाश

पंथी हूँ मैं उस पथ का, अंत नहीं जिसका
आस मेरी है जिसकी दिशा आधार मेरे मन का

पंथी हूँ मैं उस पथ का...



Credits
Writer(s): A Irshad, Kishore Desai
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