Jeevan Ki Prabhu Saanjh Bhayee Hai

जीवन की प्रभु साँझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो

जीवन की प्रभु साँझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो

जगत के स्वामी मेरे प्रभुवर
अपने चरन में ले लो, अपने चरन में ले लो
जीवन की प्रभु साँझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो

इस देही के मालिक तुम हो, तुमको सदा भुलाया

इस देही के मालिक तुम हो, तुमको सदा भुलाया
भरी जवानी मोल न जाना, सदा तुम्हें बिसराया
तेरे चरन ही मान सरोवार
अपने तरन में में ले लो, अपने तरन में में ले लो

जीवन की प्रभु साँझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो

छोड़ के कंचन पाकर पीतल, अंग ही उसे लगाया

छोड़ के कंचन पाकर पीतल, अंग ही उसे लगाया
मृगतृष्णा की पयास में भटका, मन मेरा भरमाया
दास नारायण भिक्षा मांगे
अपनी धरण में ले लो, अपनी धरण में ले लो

जीवन की प्रभु साँझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो

जगत के स्वामी मेरे प्रभुवर
अपने चरन में ले लो, अपने चरन में ले लो
जीवन की प्रभु साँझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो



Credits
Writer(s): Jagjit Singh Dhiman, Narayan Agarwal
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