Pehla Nasha Hai

पहला नशा है ये, एहसास भी है नया
कोई बताए मुझे क्या हुआ, क्या पता

दिल तो मचलने लगा
जादू सा चलने लगा
ऐसा पहले कभी ना हुआ

पहला नशा है ये, एहसास भी है नया
(ये नशा)
कोई बताए मुझे क्या हुआ, क्या पता
(क्या हुआ, पता)

रोग नया कैसा लगा, मैं हूँ अभी कमसिन
खुशबू मेरे तन से उड़े, महकूँ मैं अब रात-दिन

मन की किताबों में वो
महके गुलाबों में वो
एक चेहरा लुभाने लगा

पहला नशा है ये, एहसास भी है नया
(ये नशा)
कोई बताए मुझे क्या हुआ, क्या पता
(क्या हुआ, पता)

कुछ तो नया मुझ में हुआ, होने लगा है भरम
पाँव कहीं रखती हूँ मैं, पड़ते कहीं है क़दम

तारे गिनाता है वो
नींदें चुराता है वो
मुझ को मुझ से चुराने लगा

पहला नशा है ये, एहसास भी है नया
(ये नशा)
हो, कोई बताए मुझे क्या हुआ, क्या पता
(क्या हुआ, पता)

दिल तो मचलने लगा
जादू सा चलने लगा
ऐसा पहले कभी ना हुआ



Credits
Writer(s): Lalit Sen, Nawab Arzoo
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