Ek Chameli Ke Mandve Taale

एक चमेली के मंडवे तले
मयकदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर
दो बदन, दो बदन...
दो बदन प्यार की आग में जल गए

प्यार हर्फ़-ए-वफ़ा
प्यार उनका ख़ुदा
प्यार उनकी चिता
दो बदन, दो बदन...
दो बदन प्यार की आग में जल गए

हमने देखा उन्हें दिन में और रात में
नूर-ओ-ज़ुल्मात में
दो बदन, दो बदन...
दो बदन प्यार की आग में जल गए

मस्जिदों के मीनारों ने देखा उन्हें
मंदिरों के किवाड़ों ने देखा उन्हें
मयक़दे के दराड़ों में देखा उन्हें
दो बदन, दो बदन...
दो बदन प्यार की आग में जल गए

अज़ अज़ल ता अबद, ये बता चारागर तेरी जंबील में
नुस्खा-ए-कीमिया-ए-मोहब्बत भी है
कुछ इलाज-ओ-मुदावा-ए-उल्फ़त भी है
दो बदन, दो बदन...
दो बदन प्यार की आग में जल गए
दो बदन प्यार की आग में जल गए
दो बदन प्यार की आग में जल गए



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Makhdoom
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