Hum Hain Matay Ey Koocha Oh Bazar

हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह
हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह
उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह
उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह
हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह

वो तो कहीं है और मगर दिल के आस-पास
वो तो कहीं है और मगर दिल के आस-पास
दिल के आस-पास
फिरती है कोई शय निगह-ए-यार की तरह
फिरती है कोई शय निगह-ए-यार की तरह
हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह

मजरूह लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम
मजरूह लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम
अहल-ए-वफ़ा का नाम
हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की तरह
हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की तरह
उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह
हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan
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