Main Solah Baras Ki

मैं १६ बरस की खिलती कली हूँ
मुट्ठी में मेरे है छुपी बहार
पहली किरण हूँ, उड़ती पवन हूँ
चाहने वाले हैं मेरे हज़ार

मैं १६ बरस की खिलती कली हूँ
मुट्ठी में मेरे है छुपी बहार
पहली किरण हूँ, उड़ती पवन हूँ
चाहने वाले हैं मेरे हज़ार

मेरी अदाएँ ये जादू जगाएँ
राही रस्ता ही ख़ुद भूल जाएँ
साँसें मेरी वो ख़ुशबू लुटाएँ
खुली वादियाँ भी महक-महक जाएँ

सपनों के संग मैं चली उस पार

मैं १६ बरस की खिलती कली हूँ
मुट्ठी में मेरे है छुपी बहार
पहली किरण हूँ, उड़ती पवन हूँ
चाहने वाले हैं मेरे हज़ार

अभी तो शुरू हुई है मेरी कहानी
किस की बनूँगी मैं दिल की रानी
हाँ, एक दिन की बात नहीं ये ज़िंदगानी
अनकही बातें हैं अभी तो सुनानी

मन के मेरे किसने छेड़े हैं तार?

मैं १६ बरस की खिलती कली हूँ
मुट्ठी में मेरे है छुपी बहार
पहली किरण हूँ, उड़ती पवन हूँ
चाहने वाले हैं मेरे हज़ार

मैं १६ बरस की खिलती कली हूँ
मुट्ठी में मेरे है छुपी बहार
पहली किरण हूँ, उड़ती पवन हूँ
चाहने वाले हैं मेरे हज़ार



Credits
Writer(s): Amit Khanna, Nagrath Rajesh Roshan
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