Koi Ishq Ka Rog Lagaye Na

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
लग जाए तो...
लग जाए तो फिर पछताए ना

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
कोई इश्क़ का रोग लगाए ना

आँखों की थोड़ी सी ग़लती जी का बनी जंजाल
जी का बनी जंजाल
आँखों की थोड़ी सी ग़लती जी का बनी जंजाल
ना जीने में, ना मरने में हो जाए ये हाल

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
लग जाए तो...
लग जाए तो फिर पछताए ना

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
कोई इश्क़ का रोग लगाए ना

दिल का लेना, दिल का देना बात नहीं मामूली
बात नहीं मामूली
दिल का लेना, दिल का देना बात नहीं मामूली
सच्चा आशिक़ वो जो हँस-हँस चढ़ ना जाए सूली

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
लग जाए तो...
लग जाए तो फिर पछताए ना

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
कोई इश्क़ का रोग लगाए ना

सदा बिछड़ते देखे जग में हम ने राँझें-हीर
हम ने राँझें-हीर
सदा बिछड़ते देखे जग में हम ने राँझें-हीर
जाने किस स्याही से लिख दी आशिक़ की तक़दीर

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
हाए, इश्क़ का रोग लगाए ना
लग जाए तो...
लग जाए तो फिर पछताए ना

कोई इश्क़ का रोग लगाए ना
कोई इश्क़ का रोग लगाए ना



Credits
Writer(s): Raam Laxman, Rani Malik
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