Ae Chand Ki Zebai Tu - From "Chhoti Si Mulaqat"

ऐ चाँद की ज़ेबाई, तू झूल जा बाँहों में
मदहोश बहारें भी लेने लगीं अंगड़ाई
ऐ चाँद की ज़ेबाई, तू झूल जा बाँहों में
मदहोश बहारें भी लेने लगीं अंगड़ाई
ऐ चाँद की ज़ेबाई...

जलने दे मेरे दिल को रुख़्सार के शोलों में
जलने दे मेरे दिल को रुख़्सार के शोलों में
आता है नशा, हमदम, मौजों के झकोलों में

पागल किए देती है महकी हुई तन्हाई
मदहोश बहारें भी लेने लगीं अंगड़ाई
ऐ चाँद की ज़ेबाई...

दामन ना बचा मुझसे, दामन से लिपटने दे
दामन ना बचा मुझसे, दामन से लिपटने दे
आँचल की ये दीवारें गिरती हैं तो गिरने दे

जुड़ा जो खुला तेरा, ख़ुशबू सी चली आई
मदहोश बहारें भी लेने लगीं अंगड़ाई
ऐ चाँद की ज़ेबाई...

जिस हाथ को थामा है, वो हाथ ना छोड़ूँगा
जिस हाथ को थामा है, वो हाथ ना छोड़ूँगा
कितने भी जनम ले लो, मैं साथ ना छोड़ूँगा

सदियों से मैं तेरा हूँ, ऐ जान-ए-तमन्नाई
मदहोश बहारें भी लेने लगीं अंगड़ाई
ऐ चाँद की ज़ेबाई, तू झूल जा बाँहों में
मदहोश बहारें भी लेने लगीं अंगड़ाई
ऐ चाँद की ज़ेबाई...



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat
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