Chand Si Mehbooba Ho Meri - From "Himalay Ki Godmein"

चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था

हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

ना क़स्में हैं, ना रस्में हैं
ना शिकवे हैं, ना वादे हैं
ना क़स्में हैं, ना रस्में हैं
ना शिकवे हैं, ना वादे हैं

एक सूरत भोली-भाली है
दो नैना सीधे-सादे हैं
दो नैना सीधे-सादे हैं

ऐसा ही रूप ख़यालों में था
जैसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

मेरी ख़ुशियाँ ही ना बाँटे
मेरे ग़म भी सहना चाहे
मेरी ख़ुशियाँ ही ना बाँटे
मेरे ग़म भी सहना चाहे

देखे ना ख़्वाब वो महलों के
मेरे दिल में रहना चाहे
मेरे दिल में रहना चाहे

इस दुनिया में कौन था ऐसा
जैसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था
हाँ, तुम बिल्कुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah
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