Sardi Ho Ya Garmi Ho

मैं हादसों से जाम लड़ाता चला गया
हँसता-हँसाता, पीता-पिलाता चला गया
वो रफ़्ता-रफ़्ता जाम पिलाते गए मुझे
मैं रफ़्ता-रफ़्ता होश में आता चला गया

सर्दी हो या गर्मी हो...
सर्दी हो या गर्मी हो या बारिश का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

सस्ती हो या महँगी हो
ज़्यादा हो या कम
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

हर-पल साथ निभाती है
हर दुख की ये साथी है
हर-पल साथ निभाती है
हर दुख की ये साथी है
हर दुख की ये साथी है

ये जीने सिखलाती है
मय तो साथ रहेगी अपने ख़ुशियाँ हो या ग़म
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

सर्दी हो या गर्मी हो...
सर्दी हो या गर्मी हो या बारिश का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

दुनिया से घबराना क्यों
लोगों से शरमाना क्यों
दुनिया से घबराना क्यों
लोगों से शरमाना क्यों
लोगों से शरमाना क्यों

मय-ख़ाने में ना जाना क्यों
ख़ुद भी पिएँगे, पिलाएँगे हम जब तक दम में है दम
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

सर्दी हो या गर्मी हो...
सर्दी हो या गर्मी हो या बारिश का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

हर एक शाम अधूरी है
मय से क्यों ये दूरी है
हर एक शाम अधूरी है
मय से क्यों ये दूरी है
मय से क्यों ये दूरी है

कैसी ये मजबूरी है
Rashid, आख़िर ना पीने की क्यों खाई है क़सम?
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

सर्दी हो या गर्मी हो...
सर्दी हो या गर्मी हो या बारिश का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

सस्ती हो या महँगी हो
ज़्यादा हो या कम
हर मौसम है पीने का मौसम
हर मौसम है पीने का मौसम

हर मौसम है पीने का मौसम



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Mumtaz Rashid
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