Waqt Ki Baat Hai

वक़्त से वक़्त की क्या शिकायत करें?
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है
वक़्त से वक़्त की क्या शिकायत करें?
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है

उसने देखा मुझे, उसने चाहा मुझे
उसने ठुकरा दिया, वक़्त की बात है
वक़्त से वक़्त की क्या शिकायत करें?
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है

कोई मुश्किल पड़ी, कोई काम आ गया
ज़हन में उसके जो मेरा नाम आ गया
कोई मुश्किल पड़ी, कोई काम आ गया
ज़हन में उसके जो मेरा नाम आ गया
ज़हन में उसके जो मेरा नाम आ गया

बाद मुद्दत के वो दोस्तों की तरह
हमसे हँसकर मिला, वक़्त की बात है
वक़्त से वक़्त की क्या शिकायत करें?
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है

ज़िंदगी हमसे अनजान तो हो गई
एक रिश्ते की पहचान तो हो गई
ज़िंदगी हमसे अनजान तो हो गई
एक रिश्ते की पहचान तो हो गई

ज़िंदगी हमसे अनजान तो हो गई
एक रिश्ते की पहचान तो हो गई
एक रिश्ते की पहचान तो हो गई

कोई चाहत ना थी, बस मुरव्वत थी वो
ख़ुद को समझ लिया, वक़्त की बात है
वक़्त से वक़्त की क्या शिकायत करें?
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है

अपना रंग-ए-मोहब्बत है सब से जुदा
कोई पूछे तो, राशिद, कहूँ और क्या?
अपना रंग-ए-मोहब्बत है सब से जुदा
कोई पूछे तो, राशिद, कहूँ और क्या?
कोई पूछे तो, राशिद, कहूँ और क्या?

जिसको पाया नहीं, उसको खो कर भी मैं
क्यूँ उसी का रहा? वक़्त की बात है
वक़्त से वक़्त की क्या शिकायत करें?
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है

उसने देखा मुझे, उसने चाहा मुझे
उसने ठुकरा दिया, वक़्त की बात है
वक़्त से वक़्त की क्या शिकायत करें?
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है

वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है
वक़्त ही ना रहा, वक़्त की बात है



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Mumtaz Rashid
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