Janam Se Banjara Hoon Bandhu

जनम से बंजारा हूँ, बंधु, जनम-जनम बंजारा
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा
जनम से बंजारा हूँ, बंधु, जनम-जनम बंजारा
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा

जहाँ कहीं ठहर गया दिल, हमने डाले डेरे
रात कहीं नमकीन मिली तो मीठे साँझ-सवेरे
हो, जहाँ कहीं ठहर गया दिल, हमने डाले डेरे
रात कहीं नमकीन मिली तो मीठे साँझ-सवेरे

कभी नगरी छोड़ी, साहिल छोड़ा, लिया मझधारा, बंधु रे
नगरी छोड़ी, साहिल छोड़ा, लिया मझधारा, बंधु
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा
जनम से बंजारा हूँ, बंधु, जनम-जनम बंजारा
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा

सोच ने जब करवट बदली, शौक़ ने पर फैलाए
हो, सोच ने जब करवट बदली, शौक़ ने पर फैलाए
मैंने आशियाँ के तिनके सारे डाल से उड़ाए
हो, डाल से उड़ाए

कभी रिश्ते तोड़े, नाते तोड़े, छोड़ा कुल किनारा, बंधु रे
रिश्ते तोड़े, नाते तोड़े, छोड़ा कुल किनारा, बंधु
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा
जनम से बंजारा हूँ, बंधु, जनम-जनम बंजारा
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा
कहीं कोई घर ना घाट, ना अंगनारा



Credits
Writer(s): Gulzar, Hemant Kumar
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