Kabhi Ruk Gaye Hain

मुझ को दोष ना देना, बंधू
मेरा कोई दोष नहीं
किस को देकर आया था दिल
किस से माँगा, होश नहीं

कभी रुक गए हैं, कभी चल दिए
ना जाने किसे ढूँढते हैं सफ़र में
कभी रुक गए हैं, कभी चल दिए
किसे खो दिया था ना जाने डगर में

किसे खो दिया था ना जाने डगर में
ना जाने किसे ढूँढते हैं सफ़र में

अकेले रहे, ज़िन्दगी भर अकेले
ना दिल साथ आया, ना ग़म साथ आए
अकेले रहे, ज़िन्दगी भर अकेले
ना दिल साथ आया, ना ग़म साथ आए

ये ही रास्ते जिन की मंज़िल नहीं थी
ये ही रास्ते जिन की मंज़िल नहीं थी
ये ही साथ थे, बस ये ही साथ आए
कभी रुक गए हैं, कभी चल दिए

कभी माँग कर ले लिए ग़म किसी के
कभी अपने ग़म कर दिए हैं पराए
कभी माँग कर ले लिए ग़म किसी के
कभी अपने ग़म कर दिए हैं पराए

ये बेदर्द यादें, ये हमदर्द आँसू
ये बेदर्द यादें, ये हमदर्द आँसू
बड़ी दूर तक छोड़ने साथ आएँ
कभी रुक गए हैं, कभी चल दिए

किनारा मिला, जो किनारा नहीं था
बहाना था कोई, सहारा नहीं था

यही एक दिल जिस को समझे थे अपना
यही एक दिल जिस को समझे थे अपना
ना जाने था किस का, हमारा नहीं था



Credits
Writer(s): Gulzar, Hemant Kumar
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