Kismat Ki Jeb Mein

किस्मत की जेब में...

हो, किस्मत की जेब में अँगूठा नसीब का
पढ़-पढ़ के fail होता है लौंडा ग़रीब का
किस्मत की जेब में अँगूठा नसीब का
पढ़-पढ़ के fail होता है लौंडा ग़रीब का

मक्खन खाने से मेरे दाँत हिले जाते हैं
मक्खन खाने से मेरे दाँत हिले जाते हैं
मखमल पे चले तो ये पाँव छिले जाते हैं
आमदनी है सिफ़र, मखमल कहाँ से लाएँ?
आओ सड़क पर बैठें, ठंडी हवा ही खाएँ

ज़िंदगी तेरा-मेरा...
ज़िंदगी तेरा-मेरा रिश्ता ग़रीब का

पढ़-पढ़ के fail होता है लौंडा ग़रीब का
(किस्मत की जेब में अँगूठा नसीब का)
(पढ़-पढ़ के fail होता है लौंडा ग़रीब का)

हो-हो, हो-हो, हो-हो, हो-हो
सारी दुनिया के बाप घर को चलाते हैं
सारी दुनिया के बाप घर को चलाते हैं
तक़दीर वालों के बच्चे उन्हें खिलाते हैं

जब बेटी है कमाओ, बेटी मेरी बेटी
जब बेटी है कमाओ, हाथ-पाँव क्यूँ चलाऊँ?
फ़ोकट का माल मिले तो पसीना क्यूँ बहाऊँ?

कुदरत का है ये...
कुदरत का है ये करिश्मा अजीब सा

पढ़-पढ़ के fail होता है लौंडा ग़रीब का
किस्मत की जेब में अँगूठा नसीब का
पढ़-पढ़ के fail होता है लौंडा ग़रीब का
(किस्मत की जेब में अँगूठा नसीब का)
(पढ़-पढ़ के fail होता है लौंडा ग़रीब का)

तू फिर क्यूँ पैसा ख़र्चा करके वो लोग को पढ़ाने का?
नहीं पढ़ाने का, वो लोग की कमाई खाने का मुफ़त में बैठ के



Credits
Writer(s): Khanna Amit Jawaharlal, Nagrath Rajesh Roshan
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