Suman Sudha

सुमन, सुधा, रजनी, चंदा
आज अधिक क्यूँ भाए?
सुमन, सुधा, रजनी, चंदा
आज अधिक क्यूँ भाए?
सुमन, सुधा

प्रेम सिंहासन पिया बिराजे
पंखा झलूँ मैं हौले
मोहित मुग्ध उन्हीं को ताकूँ
बन मयूर मन डोले

सुमन, सुधा, रजनी, चंदा
आज अधिक क्यूँ भाए?
सुमन, सुधा, रजनी, चंदा
आज अधिक क्यूँ भाए?
सुमन, सुधा

प्रतिबिंब मेरी आशाओं का
तुम संतोष हो मेरा
आलिंगन सुंदर सपनों का
ख़ुशियों का कोश हो मेरा

सुमन, सुधा, रजनी, चंदा
आज अधिक क्यूँ भाए?
सुमन, सुधा, रजनी, चंदा
आज अधिक क्यूँ भाए?



Credits
Writer(s): Khanna Amit Jawaharlal, Nagrath Rajesh Roshan
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