Yeh Lucknow Ki Sar Zameen

ये लखनऊ की सर-ज़मीं

ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं

ये रंग-रूप का चमन
ये हुस्न-ओ-इश्क़ का वतन
यही तो वो मकाम है जहाँ अवध की शाम है

जवाँ-जवाँ, हसीं-हसीं

ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं

शबाब-ओ-शेर का ये घर, ये अहल-ए-'इल्म का नगर
है मंज़िलों की गोद में यहाँ हर एक राहगुज़र
ये शहर लालज़ार है, यहाँ दिलों में प्यार है
जिधर नज़र उठा, ये बहार ही बहार है

कली-कली है नाज़नीं

ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं

यहाँ के सब रवायतें अदब की शाहकार हैं
अमीर अहल-ए-दिल यहाँ ग़रीब जाँ निसार हैं
हर एक शाख़ पर यहाँ हैं बुलबुलों के चहचहे
गली-गली में ज़िंदगी, क़दम-क़दम पे क़हक़हे

हर एक नज़ारा दिल-नशीं

ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं

यहाँ के दोस्त बावफ़ा, मोहब्बतों से आशना
किसी के हो गए अगर, रहे उसी के उम्र भर
निभाई अपनी आन भी, बढ़ाई दिल की शान भी
है ऐसा मेहरबान भी, कहो तो दे दें जान भी
जो दोस्ती का हो यक़ीं, ये लखनऊ की सर-ज़मीं

ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं
ये लखनऊ की सर-ज़मीं



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Ravi Shankar
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