Jab Raat Ki Tanhai

जब रात की तन्हाई...
जब रात की तन्हाई दिल बनके धड़कती है
जब रात की तन्हाई दिल बनके धड़कती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई...
जब रात की तन्हाई...

यूँ प्यार नहीं छुपता पलकों के झुकाने से
यूँ प्यार नहीं छुपता पलकों के झुकाने से

आँखों के लिफ़ाफ़ों में...
आँखों के लिफ़ाफ़ों में तहरीर चमकती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई...
जब रात की तन्हाई...

ख़ुश-रंग परिंदों के लौट आने के दिन आए
ख़ुश-रंग परिंदों के लौट आने के दिन आए

बिछड़े हुए मिलते हैं...
बिछड़े हुए मिलते हैं जब बर्फ़ पिघलती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई...
जब रात की तन्हाई...

शोहरत की बुलंदी भी पल-भर का तमाशा है
शोहरत की बुलंदी भी पल-भर का तमाशा है

जिस डाल पे बैठे हो...
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है
यादों के दरीचे में चिलमन सी सरकती है
जब रात की तन्हाई दिल बनके धड़कती है
जब रात की तन्हाई...



Credits
Writer(s): Badr Bashir, Pervez Mehdi
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