Log Kehte Hain

लोग कहते हैं, "अजनबी तुम हो"
लोग कहते हैं, "अजनबी तुम हो"
अजनबी, मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं, "अजनबी तुम हो"
अजनबी, मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं, "अजनबी तुम हो"

दिल किसी और का ना हो पाया
दिल किसी और का ना हो पाया

आरज़ू मेरी आज भी तुम हो
आरज़ू मेरी आज भी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं, "अजनबी तुम हो"

मुझको अपना शरीक-ए-ग़म कर लो
मुझको अपना शरीक-ए-ग़म कर लो
मुझको अपना शरीक-ए-ग़म कर लो

यूँ अकेले बहुत दुखी तुम हो
यूँ अकेले बहुत दुखी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं, "अजनबी तुम हो"

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें

किस ज़माने के आदमी तुम हो
किस ज़माने के आदमी तुम हो
अजनबी, मेरी ज़िंदगी तुम हो
लोग कहते हैं, "अजनबी तुम हो"



Credits
Writer(s): Bashir Badr
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