Yeh Subah Saans Legi

ये सुब्ह साँस लेगी और बादबाँ खुलेगा
पलकें उठाओ, जानम, ये आसमाँ खुलेगा
पलकें उठाओ, जानम, ये आसमाँ खुलेगा
ये सुब्ह साँस लेगी और बादबाँ खुलेगा
ये सुब्ह साँस लेगी और बादबाँ खुलेगा

ओ, आँखों के नीचे थोड़ा सा काजल ढलक गया है
पलकें उठाओ, ख़्वाब का आँचल अटक गया है
आँखों के नीचे थोड़ा सा काजल ढलक गया है
पलकें उठाओ, ख़्वाब का आँचल अटक गया है

पलकों से बाँधा सपना जाने कहाँ खुलेगा
ये सुब्ह साँस लेगी और बादबाँ खुलेगा
पलकें उठाओ, जानम, ये आसमाँ खुलेगा
ये सुब्ह साँस लेगी और बादबाँ खुलेगा

ओ, आँखों से नींद खोलो, दरियाँ रुके हुए हैं
और पर्बतों पे कब से बादल झुके हुए हैं
आँखों से नींद खोलो, दरियाँ रुके हुए हैं
और पर्बतों पे कब से बादल झुके हुए हैं

ये रात बंद हो तो दिन का समाँ खुलेगा
ये सुब्ह साँस लेगी और बादबाँ खुलेगा
पलकें उठाओ, जानम, ये आसमाँ खुलेगा
ये सुब्ह साँस लेगी और बादबाँ खुलेगा



Credits
Writer(s): Gulzar, Ust. Amjad Ali Khan
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