Doob Rahe Ho

डूब रहे हो और बहते हो
डूब रहे हो और बहते हो
दरिया किनारे क्यूँ रहते हो?
डूब रहे हो और बहते हो

डूब रहे हो और बहते हो
दरिया किनारे क्यूँ रहते हो?
डूब रहे हो और बहते हो
डूब रहे हो...

याद आते हैं वादे जिनके
याद आते हैं...
याद आते हैं वादे जिनके
तेज़ हवा में सूखे तिनके
तेज़ हवा में सूखे तिनके
उनकी बातें क्यूँ कहते हो?

डूब रहे हो और बहते हो
डूब रहे हो और बहते हो

बात करें तो रुख़सारों में
बात करें तो...
बात करें तो रुख़सारों में
दो चकराते भँवर पड़ते हैं
दो चकराते भँवर पड़ते हैं
मझधारों में क्यूँ रहते हो?

डूब रहे हो और बहते हो
डूब रहे हो और बहते हो
दरिया किनारे क्यूँ रहते हो?
डूब रहे हो और बहते हो
डूब रहे हो...



Credits
Writer(s): Gulzar, Ust. Amjad Ali Khan
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