Ek Din Pakhi Ure Jabe

একদিন পাখি উড়ে...
একদিন পাখি উড়ে যাবে যে আকাশে
ফিরবে না সে তো আর কারো আকাশে
একদিন পাখি উড়ে যাবে যে আকাশে
ফিরবে না সে তো আর কারো আকাশে
একদিন...

বুকে যেন বাদলের ঐ মেঘ জমে না
মন ভেঙে দিতে যেন আর ঝড় আসে না
তারে ভেবে কারো চোখে যেন জল না আসে
কারো আকাশে

तुम बिन जाऊँ कहाँ?
के दुनिया में आ के कुछ ना फिर चाहा कभी
तुमको चाह के
तुम बिन...

इतनी अकेली सी पहले थी यही दुनिया
तुमने नज़र जो मिलाई, बस गई दुनिया
दिल को मिली जो तुम्हारी लगन
दीये जल गए मेरी आह के

तुम बिन जाऊँ कहाँ?
के दुनिया में आ के कुछ ना फिर चाहा कभी
तुमको चाह के
একদিন...



Credits
Writer(s): Indraadip Dasgupta, Mukul Dutta
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