Aanchal Se Kyon Bandh Liya

आँचल से क्यों बाँध लिया मुझ परदेसी का प्यार?
आँचल से क्यों बाँध लिया मुझ परदेसी का प्यार?
जानेवाले से रुकने की...
जानेवाले से रुकने की आशा है बेकार
आँचल से क्यों बाँध लिया मुझ परदेसी का प्यार?

कल सुबह होने से पहले करूँगा जाने की तैयारी
कल सुबह होने से पहले करूँगा जाने की तैयारी
फिर सारा दिन ढल जाएगा...
फिर सारा दिन ढल जाएगा और आएगी शाम अँधियारी

खड़े-खड़े तुम राह तकोगे...
खड़े-खड़े तुम राह तकोगे रख के कमर पर हाथ, क्या बात
आँचल से क्यों बाँध लिया मुझ परदेसी का प्यार?

यूँ ही रात भी आ जाएगी, लेकिन मैं नहीं आऊँगा
यूँ ही रात भी आ जाएगी, लेकिन मैं नहीं आऊँगा
दूर पड़ा मंज़िल में कहीं मैं...
दूर पड़ा मंज़िल में कहीं मैं थक कर जब सो जाऊँगा

मेरी कमी महसूस करोगी, रोओगी, अफ़सोस करोगी
मेरी कमी महसूस करोगी, रोओगी, अफ़सोस करोगी

बोलो, फिर क्या निर्दयी कह कर...
बोलो, फिर क्या निर्दयी कह कर बंद करोगी खुले द्वार?
आँचल से क्यों बाँध लिया मुझ परदेसी का प्यार?
आँचल से क्यों बाँध लिया मुझ परदेसी का प्यार?



Credits
Writer(s): Kamal Dasgupta, Fayaz Hashmi
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