Ashq Aankhon Se Rawan

अश्क आँखों से रवाँ और जिगर जलता है
अश्क आँखों से रवाँ और जिगर जलता है
क्या क़यामत है कि बरसात में घर जलता है
क्या क़यामत है कि बरसात में घर जलता है
अश्क आँखों से रवाँ

ना कहीं आग, ना शोले, ना धुआँ उठता है
ना कहीं आग, ना शोले, ना धुआँ उठता है

वाह, किस ढंग से उल्फ़त का शहर जलता है
क्या क़यामत है कि बरसात में घर जलता है
अश्क आँखों से रवाँ

आमद-ए-सुबह से जो गुल हो वो शराब नहीं
आमद-ए-सुबह से जो गुल हो वो शराब नहीं

दिल-ए-मासूम, सनम, शाम-ओ-सहर जलता है
क्या क़यामत है कि बरसात में घर जलता है
अश्क आँखों से रवाँ और जिगर जलता है
अश्क आँखों से रवाँ



Credits
Writer(s): Santok Singh
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