Har Ek Baat Pe Kehte Ho Tum

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है?
(हर एक बात पे कहते हो तुम, "तू क्या है?" वाह!)
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है?
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है?
(वाह! वाह! क्या बात है, सुब्हान-अल्लाह, बहुत ख़ूब)
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है?

अर्ज़ किया है (इरशाद)

रगों में दौड़ते फ़िरने के हम नहीं क़ाइल
(रगों में दौड़ते फ़िरने के हम नहीं क़ाइल)
(बहुत ख़ूब, वाह!)
रगों में दौड़ते फ़िरने के हम नहीं क़ाइल
जब आँख ही से ना टपका तो फ़िर लहू क्या है
(वाह! वाह! वाह! वाह! बहुत ख़ूब)



Credits
Writer(s): Mirza Ghalib, Nihaarika Sinha
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link