Tum Pukar Lo

हेमंत दा की आवाज़ सुनकर मुझे यूँ लगता था
के जैसे कोई साधू मंदिर में बैठा भजन गा रहा हो
अच्छे गायक तो वो थे ही
उतने ही अच्छे वो music director भी थे
उनके संगीत में रवीन्द्र संगीत
आसाम और बंगाल के लोक संगीत के साथ-साथ
आधुनिक और शास्त्रीय संगीत का मिलाप भी था

तुम पुकार लो
तुम्हारा इंतज़ार है
तुम पुकार लो

ख्वाब चुन रही है रात बेकरार है
तुम्हारा इंतज़ार है
तुम पुकार लो

होंठ पे लिए हुए दिल की बात हम
जागते रहेंगे और कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है, तुम से प्यार है
तुम्हारा इंतज़ार है
तुम पुकार लो

दिल बहल तो जाएगा इस ख्याल से
हाल मिल गया तुम्हारा अपने हाल से
रात बेकरार थी, बेकरार है
तुम्हारा इंतज़ार है



Credits
Writer(s): Gulzar, Hemant Kumar
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