Dupatta Odhe Nikle Baharan

दुपट्टा ओढ़े निकली बहाराँ
देखो यारा, ये गुल-बदनी
दुपट्टा ओढ़े निकली बहाराँ
देखो यारा, ये गुल-बदनी

जब थामी उँगली मेहँदी वाली
चुभ गए दिल में ख़ारा
देखो यारा, ये गुल-बदनी
दुपट्टा ओढ़े निकली बहाराँ
देखो यारा, ये गुल-बदनी

नाज़ुक बदन पे सब हैं मेरे ही
दाग़-ए-जिगर के गुल-बूटे
रामा, दाग़-ए-जिगर के गुल-बूटे
पर जो कहा, यही प्यार से
तो कहने लगी कि चल, झूठे

वो रंगीं से इक़रारा थे
और हम समझे इनकारा
देखो यारा, ये गुल-बदनी
दुपट्टा ओढ़े निकली बहाराँ
देखो यारा, ये गुल-बदनी

ओहो, सुरमा लगा उधर
तो यहाँ पे दरिया बहा है आँसू का
रामा, दरिया बहा है आँसू का
जब पान खा के ज़ालिम चली
तो हमने यहाँ लहूँ थूका

जीते हैं ना तो मरते हैं
अब हम दिल के बीमारा
देखो यारा, ये गुल-बदनी
दुपट्टा ओढ़े निकली बहाराँ
देखो यारा, ये गुल-बदनी

देखा तो है हमें प्यार से
इसी की अभी ज़रूरत है
हो-हो, इसी की अभी ज़रूरत है
उल्फ़त करे तो क्या बात है
कि ठुकरा भी दे तो क़िस्मत है

ये सरताज-ए-महबूबा
ये, ये जान-ए-दिलदारा
देखो यारा, ये गुल-बदनी
दुपट्टा ओढ़े निकली बहाराँ
देखो यारा, ये गुल-बदनी

जब थामी उँगली मेहँदी वाली
चुभ गए दिल में ख़ारा
देखो यारा, ये गुल-बदनी
दुपट्टा, दुपट्टा, दुपट्टा ओढ़े निकली बहाराँ
देखो यारा, ये गुल-बदनी



Credits
Writer(s): Kudalkar Laxmikant, Majrooh Sultanpuri, Pyarelal Lakshmikant
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