Mere Dil Par Chal Rahe Hai

मेरे दिल पे चल रहे हैं
अभी जिस नज़र के साए
यही दिल में रहते-रहते
कहीं दर्द बन ना जाएँ
कहीं दर्द बन ना जाएँ

मेरे दिल पे चल रहे हैं
अभी जिस नज़र के साए
यही दिल में रहते-रहते
कहीं दर्द बन ना जाएँ
कहीं दर्द बन ना जाएँ

वो जो मस्त-ओ-बेख़बर है अभी अपने बाँकपन में
वो जो मस्त-ओ-बेख़बर है अभी अपने बाँकपन में
वो अदाएँ ख़ास जैसे मेरे दिल की अंजुमन में

कभी एक दीया जलाएँ
कभी एक दीया बुझाएँ
यही दिल में रहते-रहते
कहीं दर्द बन ना जाएँ
कहीं दर्द बन ना जाएँ

जो हुई सहर तो जागा वही एक ख़याल उनका
जो हुई सहर तो जागा वही एक ख़याल उनका
मेरे आईने में आया वो रुख़-ए-जमाल उनका

कभी आप ही ख़फ़ा हो
कभी आप मुस्कुराए
यही दिल में रहते-रहते
कहीं दर्द बन ना जाएँ
कहीं दर्द बन ना जाएँ

ये नए-नए से अरमाँ ना तो ख़्वाब हैं, ना सपने
ये नए-नए से अरमाँ ना तो ख़्वाब हैं, ना सपने
कोई माने या ना माने, मुझे लग रहे हैं अपने

वही अजनबी से बनकर
जो खड़े हैं सर झुकाए
यही दिल में रहते-रहते
कहीं दर्द बन ना जाएँ
कहीं दर्द बन ना जाएँ

मेरे दिल पे चल रहे हैं
अभी जिस नज़र के साए
यही दिल में रहते-रहते
कहीं दर्द बन ना जाएँ
कहीं दर्द बन ना जाएँ



Credits
Writer(s): Kudalkar Laxmikant, Majrooh Sultanpuri, Pyarelal Lakshmikant
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link