Raaste Ka Patthar

रास्ते का पत्थर क़िस्मत ने मुझे बना दिया
जो रास्ते से गुज़रा, एक ठोकर लगा गया
रास्ते का पत्थर क़िस्मत ने मुझे बना दिया
जो रास्ते से गुज़रा, एक ठोकर लगा गया
रास्ते का पत्थर...

कितने घाव लगे हैं, ये मत पूछो मेरे दिल पे
कितने घाव लगे हैं, ये मत पूछो मेरे दिल पे
कितनी ठोकरें खाईं, ना पहुँचा फिर भी मंज़िल पे
कोई आगे फेंक गया, तो कोई पीछे हटा गया

रास्ते का पत्थर क़िस्मत ने मुझे बना दिया
जो रास्ते से गुज़रा, एक ठोकर लगा गया
रास्ते का पत्थर...

पहले क्या कर पाया, क्या इसके बाद करूँगा मैं?
पहले क्या कर पाया, क्या इसके बाद करूँगा मैं?
जा री, जाए दुनिया, क्या तुझको याद करूँगा मैं
दो दिन तेरी महफ़िल में क्या आया, क्या गया

रास्ते का पत्थर क़िस्मत ने मुझे बना दिया
जो रास्ते से गुज़रा, एक ठोकर लगा गया
रास्ते का पत्थर...

हीरा बन के चमका, हर एक मुसाफ़िर को रोका
हीरा बन के चमका, हर एक मुसाफ़िर को रोका
ये उम्मीद भी टूटी, लोगों ने ना खाया धोका
हर एक उठा कर मुझको फिर यहीं गिरा गया

रास्ते का पत्थर क़िस्मत ने मुझे बना दिया
जो रास्ते से गुज़रा, एक ठोकर लगा गया
रास्ते का पत्थर क़िस्मत ने मुझे बना दिया
जो रास्ते से गुज़रा, एक ठोकर लगा गया
रास्ते का पत्थर...



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Pyarelal Lakshmikant
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